- उम्रकैद की सजा सुनते ही बेहोश हो गया माफिया डॉन अतीक अहमद

अशरफ अहमद को बरी करने पर हैरानी जूते की माला लेकर कोर्ट पहुंचा वकील कचहरी में लगे फांसी दो, फांसी दो के नारे लखनऊ। चार दशकों तक प्रयागराज में खून की होली खेलने और कोहराम मचाने वाले अतीक अहमद ब्रदर्स के आतंक का अंत हो गया है। इसकी एक मिसाल मंगलवार को उस समय देखने में मिली, जब उमेश पाल अपहरण केस में उम्रकैद की सजा सुनने के बाद अतीक बेहोश हो गया। इसके पहले अतीक अपने भाई अशरफ से गले मिलकर रोने लगा था। इतना ही नहीं दोषमुक्‍त करार देने के बाद जब अशरफ कचहरी परिसर से बाहर निकल रहा था, तब वकीलों ने उसके सामने फांसी दो, फांसी दो के नारे भी लगाए। एक वकील कचहरी परिसर में जूते-चप्‍पल की माला ही लेकर पहुंच गए थे। उधर, फैसले के बाद उमेश पाल की मां और पत्‍नी, विधायक राजू पाल की पत्‍नी और अन्‍य पीड़ितों ने अशरफ को दोषमुक्‍त करने पर हैरानी जाहिर की। उमेश पाल की मां और पत्‍नी ने कहा कि उन्‍हें गुनहगारों के खिलाफ फांसी की सजा चाहिए। दोनों ने आशंका जाहिर की, कि यदि उमेश पाल को पहले किडनैप करने फिर कत्‍ल कर देने वाले जिंदा रहे, तब अगला नंबर उनका हो सकता है। 18 साल पहले 25 जनवरी, 2005 को विधायक राजू पाल की प्रयागराज में सनसनीखेज हत्‍या हुई थी। ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर राजू पाल को उस वक्‍त मौत के घाट उतार दिया गया था जब वह स्वरूप रानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल से अपने घर लौट रहे थे। इस हत्‍याकांड का आरोप अशरफ अहमद पर लगा था। राजू पाल की हत्‍या के बाद हुए उपचुनाव में जीतकर अशरफ विधायक बन गया था। राजू पाल की पत्‍नी पूजा पाल ने भी उमेश पाल अपहरण कांड में अशरफ को दोषमुक्‍त करार देने पर हैरानी जाहिर की। उमेश पाल का परिवार कह रहा है कि अतीक और अशरफ एक ही हैं। दोनों ने प्रयागराज में आतंक मचा रखा था। फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील एमपी, एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ अतीक अहमद के वकीलों ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है। वहीं शासकीय अधिवक्‍ता ने भी कहा है कि इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। कोर्ट ने अतीक, दिनेश पासी और अतीक के वकील खान सौलत खान को उम्रकैद के साथ जुर्माने की भी सजा सुनाई है। बताया जा रहा है इस मामले में अतीक जहां अपनी सजा कम करने की गुहार हाईकोर्ट से लगाएगा। वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से अशरफ सहित सात आरोपियों को बरी करने का विरोध किया जाएगा। राजू पाल मर्डर केस में भी आई तेजी अतीक अहमद के खिलाफ अलग-अलग थानों में 100 से अधिक मामले दर्ज है। उमेश पाल अपहरण कांड ऐसा पहला केस है, जिसमें अतीक को दोषी करार देने के बाद सजा सुनाई गई है। बताया जा रहा है कि कोर्ट में 2005 के राजू पाल मर्डर केस की सुनवाई भी तेजी से चल रही है। इस मामले में भी जल्‍द ही फैसला आ सकता है। अतीक ब्रदर्स के खिलाफ नैनी जेल से लेकर कचहरी परिसर तक आक्रोश देखने को मिला। बड़ी संख्‍या में लोग कचहरी पहुंचे थे। कई लोग अपने मोबाइल से पेशी पर जाते अतीक, अशरफ की तस्‍वीरें लेते भी दिखे। लोगों के बीच दोनों भाइयों को लेकर काफी आक्रोश दिखा। उमेश पाल हत्‍याकांड को लेकर वकील इतने गुस्‍से में थे कि उन्‍होंने अशरफ के सामने फांसी दो, फांसी दो के नारे लगाए। कचहरी परिसर में जूते-चप्‍पल की माला लेकर पहुंचे वकील से पूछा गया कि आपको माफिया से डर नहीं लगता, तब उन्‍होंने जवाब दिया कि माफिया के डर का अब अंत हो गया है। वकील ने कहा कि योगी सरकार माफिया को मिट्टी में मिला देगी। वहीं उत्तरप्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार ने मामले के बारे में कहा मंगलवार को प्रदेश के मुख्य माफिया अतीक अहमद को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई है। उमेश पाल अपहरण मामले में मंगलवार को न्यायालय ने 3 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आजीवन कारावास के साथ 1-1 लाख रुपए का जुर्माना तीनों अभियुक्तों पर लगाया गया है। अभियुक्तों में अतीक अहमद, खान शौकत हनीफ और दिनेश पासी शामिल हैं। 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्याकांड का चश्मदीद गवाह है। उमेश पाल ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया, तो 28 फरवरी, 2006 को बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर लिया गया।

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